Saturday, 15 March 2025

कविता ,सर आप मित्र हो, आप गुरू हो


आप द्रविड हो, हमारे कोच हो
टीम की आप हमारी सोच हो..
हम तो खेले ,आपकी इशारो पे.
सर जी स्कूल का आप सरताज हो...

आप मित्र हो, आप गुरू हो
जो छाव दे हमे, वह तारू हो..
चूक भूल हमारी ,पीठ पे लेते
सर जी स्कुल का आप वारू हो...

आप साहेब नही ,सहकारी हो
शिक्षक तो सही, गुणकारी हो..
विद्यार्थी ,समाज ,पालक आपके प्रिय
 सरजी स्कूल के आप सदाचारी हो..

जीवन आपका आनंद से भरपूर हो
शिकवे,दुःख दर्द आपसे दूर हो
यही प्रार्थना ईश्वर को करते है.
सरजी स्कूल के आप सुंदर फुल हो..


गिराम सर🙏🙏🙏✨✨✨

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